रब के 99 नाम हिन्दी में -अल्लाह-(तरजुमा, फायदे,तफसिर के साथ) RUB KE 99 NAAM HINDI ME

अल्लाह
अल्लाह


अस्मा-ए-हुस्ना अच्छे अच्छे नाम अल्लाह ही के हैं लिहाजा उसको इन्हीं नामों से पुकारो और उन लोगों को छोड़ दो जो उसके नामों में टेड़ा रास्ता इख़्तियार करते हैं वह जो कुछ कर रहे हैं उसका बदला उन्हें दिया जाएगा  (सुरे-अत-तौबा)





अल्लाह के 99 नाम: - हदीस: अल्लाह सुब्हानहु के 99 नाम हैं, जो उनको याद कर लेगा, वो जन्नत में जायेगा
अल कुरान:

जब भी किसी बच्चे का नाम रखने की बारी आए तो सब से पहले अल्लाह के इन अच्छे नामों पर ध्यान दें और ऐसे ही नाम रखें ताकि इन के असरात भी बच्चे पर अच्छे पड़ें

अर रहमान,
अर रहीम,
अल मलिक,
अल कुद्दस,
अससलाम,
अल मुमीन ,
 अल जब्बार,
अल मुतक़बीर,
अल खालिक,
 अल कहार,
अल वहाब,
अर रज्जाक,
अल फतह,
अल अलीम,
अल काबिद,
अल बसित
अल खफीद,
अर रफी,
अल मुइज़,
अल मुज़िल,
अस समी ,
अल बसीर,
अल हकम,
अल अदल,
अल लतीफ,
अल खबीर,
अल हाफिज,
अल मुक़ित,
अल हसीब,
अल जलील,
 अल करीम,
अल रकीब,
अल मुजीब,
अल वासी,
अल हकीम,
अल वदुद,
अल मजीद
अल बैथ,
अश शहीद,
अल हक,
अल वकिल,
अल कव्वि ,
अल मतीन,
अल वली,
अल हमीद,
अल मुहसी,
अल मुबदी,
अल मुद,
अल मुही,
अलमुमित,
अल हयी,
अल कय्यूम,
अल वाजिद
अल मजीद,
अस समद ,
अल अहद,
अल
अल कदिर,
अल मुक्तादिर,
अल मुकद्दिम,
अल मुख्खिर,
अल अव्वल,
अल अखिर,
अज ज़ाहीर,
अल बातेन,
अल वकिल,
अल मुताली,
अल बर,
अत तवाब,
अल मुंतक़िम,
अल अफ़व,
अल मुक़सीत,
अल गनी,
अल मुग़नी,
अल मानय,
अद दार,
अन नाफ़ी,
अल नूर,
अल हदी,
अल बदी ,
अल बाक़ी,
अल वारिस,
अर रशीद,
अस सबूर,
अल मलिक उल मुल्क,
 वल जलाली वल, इकराम


तमाम तारीफें 


अल्लाह(ALLAH) की है जो तमाम जहानों का परवरदिगार है 


जो सब पर मेहरबान बहुत मेहरबान है 


जो रोजे जजा का मालिक है 


ऐ अल्लाह(ALLAH) हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझी से मदद मांगते हैं 


हमें सीधे रास्ते की हिदायत अता फरमा

(सुर ए फातेहा )



लोगो आपने उस परवरदिगार की इबादत करो जिसने तुम्हें और उन लोगों को पैदा किया जो तुमसे पहले आ गुजरे हैं ताकि  तुम मुत्तक़ी बन जाओ (सुर ए बकरह )


वह  परवरदिगार जिसने तुम्हारे लिए जमीन को बिछोना बनाया और आसमान को छत और आसमान से पानी बरसाया फिर उसके जरिए तुम्हारे रिज्क के तौर पर फल निकाले लिहाजा अल्लाह(ALLAH) के साथ किसीको शरीक न ठहराओ जब के तुम यह सब बातें जानते हो

(सुर ए बकरह )


क्या तुम्हें यह मालूम नहीं की अल्लाह(ALLAH) वह जात है के आसमानो और जमीन के सल्तनत तन्हा उसी की है और अल्लाह(ALLAH) के सिवा ना कोई तुम्हारा रखवाला है ना मदतगार

(सुर ए बकरह )


और मगरीब ओ मशरिख सब अल्लाह(ALLAH) की है लिहाजा जिस तरह भी तुम रुख करोंगे वही से अल्लाह(ALLAH) का रुख होंगा बेशक अल्लाह(ALLAH) बड़ा वुसत वाला बड़ा इल्म रखने वाला है

(सुर ए बकरह )


वह आसमानो  और जमीन का मौजिख है और जब वह किसी  बात का फैसला करता है तो उसके बारे में बस इतना कहता है कि हो जा चुनांचे वह हो जाती है (सुर ए बकरह )



तुम अल्लाह(ALLAH) के साथ कुफ्र का तर्जे अमल आखिर कैसे इख़्तियार कर लेते हो हलाके तुम बे जान थे उसीने तुम्हें जिंदगी बख्शी फिर वही तुम्हें मौत देगा फिर वही तुम को दोबारा जिन्दा करेगा और फिर तुम उसी के पास लौट कर जाओगे

(सुर ए बकरह )


वही है जिसने जमीन में जो कुछ है तुम्हारे लिए पैदा किया फिर वो आसमान की तरफ मुतवज्जह हुआ चुनांचे  उनको सात आसमानों की शक्ल में ठीक-ठीक बना दिया और वह हर चीज का पूरा इल्म रखने वाला है (सुर ए बकरह )


तुम्हारा एकही खुदा है उसके सिवा तुम्हारा कोई खुदा नहीं जो सब पर मेहरबान बहुत मेहरबान है बेशक आसमानो और जमीन के तसरीख में रात -दिन के लगातार आने जाने में उन कश्तीओ में जो लोगों के फायदे का सामान लेकर समुंदर में तैरती है उस पानी में जो अल्लाह(Allah) ने आसमान से उतारा और इसके जरिए जमीन को उसके मुर्दा हो जाने के बाद जिंदगी बखशी और इस में हर किस्म के जानवर फैला दिए और हवाओं की गर्दिश में और उन बादलों में जो आसमान और जमीन के दरमियान दावेदार बनकर काम में लगे हुए हैं उन लोगों के लिए निशानियांही निशानियां है जो अपनी आंखों से काम लेते है

(सुर ए अल ईमरान )


वह जिसको चाहता है दानाई अदा कर देता है और जिसे दानाई अता हो गई उसे वापस एक बार में भलाई मिल गई और नसीहत वहीं लोग हासिल करते हैं जो समझ के मालिक हैं (सुर ए अल ईमरान )


अल्लाह (Allah)वह है जिसके सिवा कोई माबूद नहीं जो सदा जिंदा है जो पूरी कायनात संभाले हुए हैं जिसको ना कभी युंग लगती है आसमानों में जो कुछ है वह भी और जमीन में जो कुछ है वह भी सब उसी का है कौन है जो उसके हुजूर उसकी इजाजत के बगैर किसी की सिफारिश कर सकें वह सारे बंदों के तमाम आगे पीछे के हालात को खूब जानता है और वह लोग उसके इल्म की कोई बात अपने इल्म के दायरे में नहीं ला सकते सिवाय उस बात के जिसे वह खुद चाहे उसकी कुर्सी ने सारे आसमानों और जमीन को घेरा हुआ है और इन दोनों की निगेहबानी से  उसे जरा भी बोझ नहीं होता और वह बड़ा आली मकाम साहिबे अजमत है (सुर ए अन निसा )


वह जिसको चाहता है दानाई अदा कर देता है और जिसे दानाई अता हो गई उसे वापस एक बार में भलाई मिल गई और नसीहत वहीं लोग हासिल करते हैं जो समझ के मालिक हैं 

(सुर ए अन निसा )


आसमानो और जमीन में जो कुछ है अल्लाह (Allah) ही का है वह जिसको को चाहता है माफ कर देता है और जिसको चाहता है आजाब देता है और अल्लाह (Allah) बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान

(सुर ए अल मायदा )



अल्लाह (Allah)ऐ इब्तेदार के मालिक तू जिसको चाहता है इब्तेदार बख्श देता है और जिससे चाहता है इब्तेदार छीन लेता है और जिसको चाहता है इज्जत बख्शता है और जिसको चाहता है रुसवा कर देता है तमाम दर भलाई तेरे ही हाथ में है यक़ीनन तू हर चीज पर कादीर है

(सुर ए अन निसा )


और तू ही रात को दिन में दाखिल करता है और दिन को रात में दाखिल करता है और तू ही बेजान चीज में से जानदार को बरामद कर लेता है और जानदार में से बेजान चीज निकाल लाता है और जिसको चाहता है बेहिसाब रिज्क अता फरमाता है

(सुर ए अन निसा )


बेशक अल्लाह(Allah) इस बात को माफ नहीं करता के उसके साथ किसी को शरीक ठहराया जाए और इससे कमतर हर बात को जिसके लिए चाहता है माफ कर देता है और जो शख्स अल्लाह(Allah) के साथ किसी को शरीक ठहराता है वह ऐसा भुगतान बांधता है जो बड़ा जबरदस्त गुनाह है(सुर ए अल मायदा )



क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जो अपने आप को बड़ा पाकीजा बताते हैं हालांकि पाकिजगी तो अल्लाह(Allah) जिसको चाहता है उसको आता करता है और इस अता में उन पर एक तागे के बराबर भी जुल्म नहीं होता (सुर ए अल मायदा)


तुम्हें जो कोई अच्छाई पहुंचती है तो वह महज अल्लाह(Allah) की तरफ से होती है और जो कोई बुराई पहुंचती है वह तो तुम्हारे अपने सबब से होती है और ऐ पैगम्बर हमने तुम्हें लोगों के पास रसूल बना कर भेजा है और अल्लाह(Allah) इस बात की गवाही देने के लिए काफी है

(सुर ए अन निसा )


अल्लाह(Allah) वह है जो उसके सिवा कोई खुदा नहीं वह तुम्हें जरूर ब जरूर कयामत के दिन इकट्ठा करेगा जिसके आने में कोई शक नहीं है और कौन है जो अल्लाह(Allah) से ज्यादा बात का सच्चा हो

(सुर ए अन निसा )



और अल्लाह(Allah) से मगफिरत तलब करो बेशक अल्लाह(Allah) बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है (सुर ए अन निसा )


और आसमान और जमीन में जो कुछ है अल्लाह(Allah) ही का है हमने तुमसे पहले अहले किताब को भी और तुम्हें भी यही ताकीद की है कि अल्लाह(Allah) से डरो और अगर तुम कुफ्र अपनाओगे तो अल्लाह(Allah) का क्या नुकसान है क्योंकि आसमानो और जमीन में जो कुछ है अल्लाह(Allah) ही का है और अल्लाह(Allah) हर एक से बेनियाज़ और ब जाते खुद लायके तारीफ  है (सुर ए अल मायदा )


और आसमान और जमीन में जो कुछ है अल्लाह(Allah) ही का है और काम बनाने के लिए अल्लाह(Allah) ही काफी है(सुर ए अल मायदा )


अगर वह चाहे तो तुम सबको दुनिया से ले जाए और दूसरों को तुम्हारी जगह यहां ले आए अल्लाह(Allah) इस बात की पूरी कुदरत रखता है

(सुर ए अल मायदा )


अल्लाह (Allah) इस बात को पसंद नहीं करता कि किसी की बुराई ऐलानियां जुबान पर लाई जाए इल्ला ये के किसी पर जुल्म हुआ हो और अल्लाह (Allah) सब कुछ सुनता हर बात जानता है

(सुर ए अल अनाम )


तमाम तारीफे अल्लाह की है जिसने आसमानों और जमीन को पैदा किया और अंधेरिया और रोशनी बनाई फिर भी जिन लोगों ने कुफ्र अपना लिया है वह दूसरों को खुदाई में अपने परवरदिगार के बराबर करार दे रहे हैं (सुर ए अल अरफ़ात )


वही जात है जिस में तुमको गीली मिट्टी से पैदा किया फिर तुम्हारी जिंदगी की एक मियाद मुकर्रर कर दी और दोबारा जिंदा होने की एक मुतय्यन मियाद उसी के पास है फिर भी तुम शक में पड़े हुए हो

(सुर ए अल अरफ़ात )



और वही अल्लाह आसमानों में भी है और जमीन में भी वह तुम्हारे छुपे हुए भेद भी जानता है और खुले हुए हालात भी और जो कुछ कमाई तुम कर रहे हो उससे भी वाकिफ है (सुर ए अल अरफ़ात )


इनसे पूछो के आसमानो और जमीन में जो कुछ है वह किसकी मिल्कियत है फिर अगर वह जवाब ना दे तो खुद ही कह दो कि अल्लाह ही की मिल्कियत है उसने रहमत को अपने ऊपर लाजिम कर रखा है इसलिए तौबा कर लो तो पिछले सारे गुनाह माफ कर देगा वरना वह तुम सबको जरूर ब जरूर क़यामत के दिन जमा करेगा जिसके आने में कोई शक नहीं है लेकिन जिन लोगों ने अपनी जानो के लिए घाटे का सौदा कर रखा है वह हकीकत पर ईमान नहीं लाते

और रात और दिन में जितनी मखलुकात आराम पाती हैं सब उसी के कब्जे में हैं और वह हर बात को सुनता हर चीज को जानता है

(सुर ए अल अरफ़ात )

और उसी के पास गैब की पुंजिया है जिन्हें उसके सिवा कोई नहीं जानता और खुश्की और समुंदर में जो कुछ है वह उससे वाकिफ है किसी दरख्त का कोई पता नहीं गिरता जिसका उसे इल्म न हो और जमीन के अंधीरियों में कोई दाना या कोई खुश्क या तर चीज ऐसी नहीं है जो एक खुली किताब में दर्ज ना हो (सुर ए अल अरफ़ात )


और वही है जो रात के वक्त नींद में तुम्हारी रूह एक हद तक कब्ज कर लेता है और दिन भर में तुमने जो कुछ किया होता है उसे खूब जानता है फिर उस नए दिन में तुम्हें नई जिंदगी देता है ताकि तुम्हारी उम्र की मुकर्ररा मुद्दत पूरी हो जाए फिर उसी के पास तुमको लौट कर जाना है उस वक्त वह तुम्हें बताएगा कि तुम क्या क्या करते थे (सुर ए अल अरफ़ात )


वही अपने बंदों पर मुकम्मल इख़्तेदार रखता है और तुम्हारे लिए निगेहबान फरिश्ते भेजता है यहां तक कि जब तुम में से किसी की मौत का वक्त आ जाता है तो हमारे भेजे हुए फरिश्ते उसको पूरा पूरा वसूल कर लेते हैं और वह जरा भी कोताही नहीं करते (सुर ए अल अरफ़ात )


फिर उन सब को अल्लाह की तरफ लौटा दिया जाता है जो उनका मौला है बरहक है याद रखो हुक्म उसी का चलता है और वह सबसे ज्यादा जल्दी हिसाब लेने वाला है (सुर ए अल अरफ़ात )


कहो खुश्कि और समुंदर की तारीकियों से उस वक्त कौन तुम्हे निजात देता है जब तुम उसे गिड़गिड़ाकर और चुपके चुपके पुकारते हो और यह कहते हो कि अगर उसने हमें इस मुसीबत से बचा लिया तो हम जरूर ब जरूर शुक्रगुजार बंदो में शामिल हो जाएंगे (सुर ए अल अरफ़ात )


कहो अल्लाह ही तुम्हें इस मुसीबत से भी बचाता है और हर दूसरी तकलीफ से भी फिर भी तुम शिर्क करते हो (सुर ए अल अरफ़ात )


कहो कि वह इस बात पर पूरी तरह कुदरत रखता है कि तुम पर कोई आजाब तुम्हारे ऊपर से भेज दे या तुम्हारे पांव के नीचे से निकाल दें या तुम्हें मुख्तलिफ टोलियो में बाटकर एक दूसरे से भिड़ा दें और एक दूसरे की ताकत का मजा चखा दे देखो हम किस तरह मुख्तलिफ तरीकों से अपनी निशानियां वाजे कर रहे हैं ताकि यह कुछ समझ से काम ले

(सुर ए अल अरफ़ात )


और वही जात है जिस में आसमानो और जमीन को बर हक़्क़ पैदा किया है और जिस दिन वह रोजे कयामत से कहेगा कि तू हो जा तो वह हो जाएगा उसका कॉल बर हक है और जिस दिन सूर फूंका जाएगा उस दिन बादशाही उसी की होगी वह गैबो हाजिर हर चीज को जानने वाला है और वही बड़ी हीकमतवाला पूरी तरह बा खबर है

(सुर ए अल अरफ़ात )


बेशक अल्लाह ही दाने और गुठली को फाड़ने वाला है वह जानदार चीजों को बेजान चीजों से निकाल लाता है और वही बेजान चीजो को जानदार चीजों से निकालने वाला है लोगों वह है अल्लाह फिर कोई तुम्हें बहका कर किस औंधी तरफ ले जा रहा है (सुर ए अल अरफ़ात )



वही है जिसकी हुकुम से सुबह को पॉप हटती है और उसी ने रात को सुकून का वक्त बनाया है और सूरज और चांद को एक हिसाब का पाबंद यह सब कुछ उस जात की मंसूबा बंदी है जिसका इब्तेदार भी कामिल है इल्म भी क़ामिल  (सुर ए अल अरफ़ात )



और उसी ने तुम्हारे लिए सितारे बनाए हैं ताके तुम उनके जरिए खुश्की और समुंदर की तारीकियो मे रास्ते मालूम कर सको हमने सारी निशानियां एक-एक करके खोल दी हैं मगर उन लोगों के लिए जो इल्म से काम ले

  (सुर ए अल अरफ़ात )



वही है जिस ने तुम सबको एक जान से पैदा किया फिर हर शख्स का एक मुश्तखर है और एक अमानत रखने की जगह हमने सारी निशानियां एक-एक करके खोल दी हैं मगर उन लोगों के लिए जो समझ से काम ले

 (सुर ए अल अरफ़ात )



और अल्लाह वही है जिसने तुम्हारे लिए आसमान से पानी बरसा या फिर हमने उसके जरिए हर किस्म के कोपले  उगाएं इन कोपले से हमने सब्जियां पैदा किए जिनसे हम तेह पे तेह दाने निकालते हैं और खजूर के गाबो से फलों के वह गुच्छे निकलते हैं जो फल के बोझ से झुके जाते हैं और हमने अंगूरों के बाग उगाए है और जैतून और अनार जो एक दूसरे से मिलते जुलते भी हैं और एक दूसरे से मुख्तलिफ भी जब यह दरख़्त फल देते हैं तो इनके फलों और उनके पकने की कैफियत को गौर से देखो लोगों इन सब चीजों में बड़ी निशानियां है मगर उन लोगों के लिए जो ईमान लाए (सुर ए अल अरफ़ात )


वह तो आसमान और जमीन का मोजिद है उसका कोई बेटा कहां हो सकता है जबकि उसकी कोई बीवी नहीं उसी ने  हर चीज पैदा की है और वह हर हर चीज का पूरा पूरा इल्म रखता है (सुर ए अल अरफ़ात )


लोगों वो है अल्लाह जो तुम्हारा पालने वाला है उसके सिवा कोई माबूद नहीं वह हर चीज का खालिक है लिहाजा उसकी इबादत करो वह हर चीज की निगरानी करने वाला है (सुर ए अल अरफ़ात )


निगाहे उस को नहीं पा सकती और वह तमाम निगाहों को पा लेता है उसकी जात उतनी ही लतीफ है और वह उतना ही वह बा खबर है

 (सुर ए अल अरफ़ात )


और तुम्हारे रब का कलाम सच्चाई और इंसाफ में कामिल है उसकी बातों को कोई बदलने वाला नहीं वह हर बात सुनने वाला हर बात जानने वाला है (सुर ए अल अंफ़ाल )


यकीन रखो कि तुम्हारा रब खूब जानता है कि कौन अपने रास्ते से भटक रहा है और वही उन लोगों को खूब जानता है जो सही रास्ते पर हैं 

(सुर ए अल अंफ़ाल )


और तुम्हारा परवरदिगार ऐसा बेनियाज़ है जो रहमत वाला भी है अगर वह चाहे तो तुम सबको दुनिया से उठा ले और तुम्हारे बाद जिसको चाहे तुम्हारी जगह ले आए जैसा के उसने तुमको कुछ और लोगों की नस्ल से पैदा किया था  (सुर ए अल अंफ़ाल )


यकीन रखो कि जिस चीज का तुमसे वादा किया जा रहा है उसको आना ही आना है और तुम अल्लाह को आजिज नहीं कर सकते (सुर ए अल अंफ़ाल )


अल्लाह वह है जिसने बागात पैदा किए हैं जिनमें से कुछ बुलंद होते हैं और नखलिस्तान और खेतिया जिनके जायके अलग अलग है और जैतून और अनार जो एक दूसरे से मिलते जुलते भी हैं और एक दूसरे से मुख्तलिफ भी जब यह दरख्त फल दें तो उनके फलों को खाने में इस्तेमाल करो और जब इनकी कटाई का दिन आए तो अल्लाह का हक अदा करो और फ़ुज़ूल खर्ची न करो याद रखो वह फ़ुज़ूल खर्च लोगों को पसंद नहीं करता (सुर ए अल अंफ़ाल )


अल्लाह वह है जिसने बागात पैदा किए हैं जिनमें से कुछ बुलंद होते हैं और नखलिस्तान और खेतिया जिनके जायके अलग अलग है और जैतून और अनार जो एक दूसरे से मिलते जुलते भी हैं और एक दूसरे से मुख्तलिफ भी जब यह दरख्त फल दें तो उनके फलों को खाने में इस्तेमाल करो और जब इनकी कटाई का दिन आए तो अल्लाह का हक अदा करो और फ़ुज़ूल खर्ची न करो याद रखो वह फ़ुज़ूल खर्च लोगों को पसंद नहीं करता  (सुर ए अल अंफ़ाल )


और चौपायो में से अल्लाह ने वह जानवर भी पैदा किए हैं जो बोझ उठाते हैं और वह भी जो जमीन से लगे हुए होते हैं अल्लाह ने जो रिज्क तुम्हें दिया है उसमें से खाओ और शैतान के नक्शे कदम पर ना चलो यकीन जानो वह तुम्हारे लिए एक खुला दुश्मन है (सुर ए अल अंफ़ाल )


मवेशियों के कुल आठ जोड़ें अल्लाह ने पैदा किए हैं दो सिल्फे के  नर और मादा भेड़ों की नस्ल से दो और दो बकरों की नस्ल से जरा उन से पूछो कि क्या दोनों नरों को अल्लाह ने हराम किया है या दोनों मादा को या हर उस बच्चे को जो दोनों नस्लों की मादा के पेट में मौजूद हो अगर तुम सच्चे हो तो किसी की इल्मी बुनियाद पर मुझे जवाब दो (सुर ए अल अंफ़ाल )


और इसी तरह ऊंटों की भी दो सिल्फे से नर और मादा अल्लाह ने पैदा की हैं और गाय की भी दो सिल्फे हैं उनसे कहो कि क्या दोनों नरों को अल्लाह ने हराम किया है या दोनों मादा को या हर उस बच्चे को जो दोनों नस्लों की मादा के पेट में मौजूद हो क्या तुम उस वक्त खुद हाजिर थे जब अल्लाह ने तुम्हें इस का हुक्म दिया था अगर नहीं और यकीन नहीं तो फिर उस शख्स से बढ़कर ज़ालिम कौन होगा जो अल्लाह पर  इसलिए झूठ बांधे ताकि किसी इल्मी बुनियाद के बगैर लोगों को गुमराह कर सके हकीकत यह है कि अल्लाह जालिम लोगों को हिदायत तक नहीं पहुंचाता  (सुर ए अल अंफ़ाल )


और वही है जिसने तुम्हें इस जमीन में एक दूसरे का जानशीन बनाया और तुम में से कुछ लोगों को दूसरों से दरजात में बुलंदिय आता कि ताकि उसने तुम्हें जो नेमते दी है उनमें तुम्हें आजमाए यह हकीकत है कि तुम्हारा रब जल्द सजा देने वाला है  (सुर ए अल अंफ़ाल )


यकीनन तुम्हारा परवरदिगार वह अल्लाह है जिसने सारे आसमान और जमीन छह दिन में बनाए फिर उसने अर्श पर इसतेबा फरमाया वह दिन को रात की चादर उढा देता है जो तेज रफ्तार से चलती हुई उसको आ दबोचती है और उसने सूरज और चांद तारे पैदा किए हैं जो सब उसके हुक्म के आगे ऐराम है याद रखो कि पैदा करना और हुक्म  देना सब उसी का काम है बड़ी बरकत वाला है अल्लाह जो तमाम जहानों का परवरदिगार है   (सुर ए अल अंफ़ाल )


और वही अल्लाह है जो अपनी रहमत यानी बारिश के आगे-आगे हवाएं भेजता है जो बारिश ही खुशखबरी देती हैं यहां तक कि जब वह बोचल बादलों को उठा लेती हैं तो हम उन्हें किसी मुर्दा जमीन के तरफ हनका ले जाते हैं फिर वहां पानी बरसाते हैं और उसके जरिए हर किस्म के फल निकालते हैं इसी तरह हम मुर्दों को भी निंदा करके निकालेंगे शायद इन बातों पर गौर करके तुम सबक हासिल करो  (सुर ए अल अंफ़ाल )


जिसको अल्लाह गुमराह कर दे उसको कोई हिदायत नहीं दे सकता और ऐसे लोगों को अल्लाह बे यारों मददगार छोड़ देता है कि वह अपनी सरकशी में भटकते फिरे (सुर ए अत तौबा)


अल्लाह वह है जिसने तुम्हें एक जान से पैदा किया और उसी से उसकी बीवी बनाई  ताकि वह उसके पास आकर तस्कीन हासिल करें फिर जब मर्द ने औरत को ढांक लिया तो औरत ने हमल का एक हल्का सा बोझ उठा लिया जिसे लेकर वह चलती फिरती रहे फिर जब वह बोझल हो गई तो दोनों मियां बीवी ने अपने परवरदिगार अल्लाह से दुआ कि अगर तूने हमें तंदुरुस्त औलाद दी तो हम जरूर ब जरूर तेरा शुक्र अदा करेंगे

(सुर ए अत तौबा)




पढने की फ़ज़ीलत - जो शख्स रोजाना 1000 मर्तबा या अल्लाहू पड़ेगा इंशाल्लाह उसके दिल से तमाम शको को शुभा दूर हो जाएंगे और अज्म यकीन की कुव्वत नसीब होगी जो लाइलाज मरीज ब कसरत या अल्लाह हू का विर्द रखे और उसके बाद शिफा की दुआ मांगे उसको शिफा ए कामिल नसीब होंगी ( इंशाल्लाह)


अर-रहेमान नाम का तरजुमा, तफसिर और फायदे हिन्दी में (Ar-Raheman)

अर-रहेमान
अर-रहेमान



वह जो लगातार बिना किसी विषमता के आशीर्वाद और समृद्धि के साथ सृष्टि के सभी को दिखाता है।  वह जो सबसे दयालु, प्रेम करने वाला और दयालु हो।  वह जिसकी अंतहीन, प्रेममय दया पूर्ण और समावेशी है।  वह जो प्रेम की दया की गुणवत्ता के साथ बह रहा है और लगातार उसे सृजन पर डाल रहा है।  वह जिसकी पूर्ण दया और प्रेममयी प्रेममयी कृपापूर्वक सारी सृष्टि को गले लगा लेती है।  वह जो सृष्टि के सभी लोगों को प्यार और दुलार करता है।  वह जो सबसे अधिक प्यार करने वाला, कोमल और दयालु है।  मोस्ट ग्रेशियस ने इस कुरान को मनुष्य तक पहुंचाया है।  उसने मनुष्य की रचना की है: उसने उसे विचार और भाषण देने के लिए प्रेरित किया है।  उनके कहने पर सूरज और चंद्रमा अपने नियुक्त पाठ्यक्रम चलाते हैं;  इससे पहले कि वह खुद को तारों और पेड़ों को बांधे।  औउसे ऊंचा उठाया है, और सभी चीजों के है और उन्हें लगता है कि उन्हें परिरक्षक में कोई थकान नहीं है।  वह सबसे ऊंचा है, सबसे महान है।  [अल-बगारा (2): 255]
   अल्लाह के नाम उचित नाम और विवरण हैं, वे उचित नाम हैं जिनका उल्लेख सार या अल्लाह के व्यक्ति और उनके अर्थ के संबंध में वर्णन के साथ किया जाता है।  ।  अल्लाह कहते हैं, वह एवर फॉरगिविंग, मोस्ट मर्सीफुल [अल-अबगफ (46): 8] आपका भगवान एवर फोर्जिंग है, जिसके पास दया [अल-कहफ (18): 58] है, इसलिए दूसरा वचन यह साबित करता है कि  सबसे दयालु वह है जो पास है और दया के साथ वर्णित है।  भाषाविदों की एक आम सहमति भी मौजूद है कि 'जो जानता है' ('आलिम' शब्द केवल उसी को दिया जाता है जिसके पास ज्ञान है, 'जो देखता है' (सामी ') केवल उसी को दिया जाता है जो देखता है और इसी तरह।  17 व्यवहार और सिद्धान्तों का विस्तार [I.] यदि अल्लाह का नाम एक ऐसे विवरण की ओर संकेत करता है जो सकर्मक है "
   सारी दुनिया में सबसे अधिक रहेम करनेवाला रेहमान है वह,सबसे अधिक दयालु और प्रेम कर ने वाला  मालिक  है वह सबसे अधिक रहेमान की सिफते रखने वाला रब है वह 

   

  दुनिया की सबसे अधिक दयालु और दया को सारी संसार में बांटनेवाला एक मात्र रब है वह। उसी रब कि हम परतीस करते हैं हम वहीं हमारा रब और रेहमान है


क़ुरआन की रोशनी में कुछ आयते 


फिर आदम ने अपने परवरदिगार से तौबा के कुछ अल्फ़ाज़ सिख  लिए जिन के जरिए उन्होंने तोबा मांगी चुनांचे  अल्लाह(ALLAH) ने उनकी तोबा कबुल करली बेशक वह बहुत माफ़ करने वाला है बड़ा मेहरबान है

(सुर ए अल बक़रह)


फिर अगर वो बाज़ आ जाए तो बेशक अल्लाह(Allah) बहुत बख्शने वाला

बड़ा मेहरबान है

 (सूरे अल ईमरान) 

 



और दूसरी तरफ लोगों में वह शख्स भी है जो अल्लाह(Allah) के ख़ुशनूदी के खातिर अपनी जान का सौदा कर लेता है और अल्लाह(Allah) ऐसे बंदों पर बड़ा मेहरबान है

 (सूरे अल ईमरान) 


और मुसलमानों इसी तरह तो हमने तुमको एक मौतदर उम्म्त बनाया है ताकि तुम दूसरे

लोगों पर गवाह बनो  और रसूल तुम पर गवाह बने और जिस क़िब्ले पर तुम पहले कारबन्द

थे उस पर तुम्हे किसी और वजह से नहीं बल्कि सिर्फ यह देखने के लिए मुकर्रर किया था के

कौन रसूल का हुक्म मानता है और कौन और कौन उलटे पाऊं   फिर जाते है और इसमें कोई

शक नहीं की यह बात बड़ी मुश्किल लेकिन उन लोगों के लिए जरा भी मुश्किल न हुई जिनको

अल्लाह(Allah) ने हिदायत दे दी थी और अल्लाह(Allah) ताला ऐसा नहीं कि तुम्हारे ईमान को

जाया करदे दर हकीकत अल्लाह(Allah) लोगो पर बहुत शफकक्कत करने वाला बड़ा मेहरबान है

 (सूरे अल ईमरान) 

 



तुम्हारा एकही खुदा है उसके सिवा तुम्हारा कोई खुदा नहीं जो सब पर

मेहरबान बहुत मेहरबान है बेशक़ आसमानो और जमीन के तसरीख में

रात -दिन के लगातार आने जाने में उन कश्तीओ में जो लोगों के

फायदे का सामान लेकर समुंदर में तैरती है उस पानी में जो अल्लाह(Allah) ने आसमान से उतारा और इसके जरिए जमीन को उसके मुर्दा

हो जाने के बाद जिंदगी बखशी और इसमें हर किस्म के जानवर फैला दिए

और हवाओं की गर्दिश में और उन बादलों में जो आसमान और जमीन के

दरमियान दावेदार बनकर काम में लगे हुए हैं उन लोगों के लिए निशानियांही

निशानियां है जो अपनी आंखों से काम लेती है

 (सूरे अल ईमरान) 


 हां अगर किसी शख्स को यह अंदेशा हो कि कोई वसीयत करने वाला

तरफदारी या गुनाह ऐतराफ़ कर रहा है और मसले का आदमीयो के

दरमियान सुलह करा दे तो उस पर कोई गुनाह नहीं बेशक अल्लाह(Allah) ताला बहुत बख्श ने वाला बड़ा मेहरबान है

 (सूरे अल ईमरान) 


और दूसरी तरफ लोगों में वह शख्स भी है जो अल्लाह(Allah) के ख़ुशनूदी

के खातिर अपनी जान का सौदा कर लेता है और अल्लाह(Allah)

ऐसे बंदों पर बड़ा मेहरबान है

 (सूरे अल ईमरान) 


उसने तो तुम्हारे लिए बस मुर्दार जानवर खून और सूअर हराम किया है निज

वह जानवर जिस पर अल्लाह (Allah) के सिवा किसी और का नाम पुकारा

गया हो हा अगर कोई शख्स इनतेहायी मजबूरी के हालत में हो और इन चीजों

में से कुछ खा लें जबकि उसका मकसद ना लज्जत हासिल करना हो और

ना वह जरूरत की हद से आगे बढ़े तो फिर उसपर कोई गुनाह नहीं यक़ीनन अल्लाह(Allah) बहुत बख्शने वाला बहुत मेहरबान है

 (सूरे अल ईमरान)


आसमानो और जमीन में जो कुछ है अल्लाह (Allah) ही का है वह जिसको को चाहता है माफ कर देता है और जिसको चाहता है आजाब देता है और अल्लाह (Allah) बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है

 (सुरे-अल-माइदा)  


और तुम में से जो दो मर्द बत्कारिका इख्तिखाफ करे उनको अज़ीयत दो फिर अगर वह तौबा करके अपनी इस्लाह कर ले तो उनसे दरगुजर करो बेशक अल्लाह (Allah) बहुत तौबा क़बूल करने वाला बड़ा मेहरबान है

 (सुरे-अल-माइदा)  



ऐ ईमान(iman) वालों आपस में एक दूसरे के माल नाहक तरीके से ना खाओ इल्ला ये कि कोई

तीजारत बह्मी रजामंदी से वजूद में आई हो तो वह जायज है और अपने आप

को क़त्ल न करो यकिन जानो अल्लाह(Allah) तुम पर बहुत मेहरबान है

 (सुरे-अल-माइदा)  



और जो शख्स अल्लाह(Allah) के रास्ते में हीजरत करेगा वह जमीन में बहुत जगह और बड़ी गुंजाइश पाएगा

और जो शख्स अपने घर से अल्लाह(Allah)और उसके रसूल की तरफ हीजरत करने के लिए निकले फिर उसे मौत आ पकड़े

तब भी उसका सवाब अल्लाह(Allah) के पास तय हो चुका और अल्लाह(Allah) बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है

 (सुरे-अल-माइदा)  




और अल्लाह(Allah) से मगफिरत तलब करो बेशक अल्लाह(Allah) बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है

 (सुरे-अल-माइदा)  




और जो शख्स कोई बुरा काम कर गुजरे या अपनी जान पर जुल्म कर बैठे फिर अल्लाह(Allah) से माफी मांग ले तो वह अल्लाह(Allah) को बहुत बखशने वाला बड़ा मेहरबान पाएगा 

 (सुरे-अल-माइदा)  



और हमने कोई रसूल इसके सिवा किसी और मकसद के लिए नहीं भेजा के अल्लाह(Allah) के हुक्म से उसकी इताअत की जाए और जब इन लोगों ने अपनी जानो पर जुल्म

किया था अगर उस वक्त तुम्हारे पास आकर अल्लाह(Allah) से मगफिरत मांगते हैं और रसूल भी उनके लिए मगफिरत की

दुआ करते तो यह अल्लाह(Allah) को बहुत माफ करने वाला बड़ा मेहरबान पाते

 (सुरे-अल-माइदा)



और जो लोग अल्लाह (Allah) पर और उसके रसूलों पर ईमान लाए और उनमें से किसी के दरमियान फर्क ना करें तो अल्लाह (Allah) ऐसे लोगों को अज्र आता करेगा और अल्लाह (Allah) बहुत माफ करने वाला बड़ा मेहरबान है

(सूरे अल अनआम)


तुम पर मुर्दार जानवर और खून और सूअर का गोश्त और वह जानवर

हराम कर दिया गया है जिस पर अल्लाह (Allah) के सिवा किसी और

का नाम पुकारा गया हो और वह जो गला घुटने से मरा हो और जिसे चोट

मारकर हल्लाक किया गया हो और जो ऊपर से गिर कर मरा हो और जिसे

किसी जानवर ने सींग मार कर हलाक किया हो और जिसे किसी दरिंदे ने खा

लिया हो इल्ला ये कि तुम उसके मरने से पहले उसको जिब्हा कर चुके हो और

वह जानवर भी हराम है जिसे भूतों की क़ुर्बानगाह पर ज़िब्हा किया गया हो और

यह बात भी तुम्हारे लिए हराम है के यह तुम जुए के तीरों से गोश्त वगैरह तकसीम

करो यह सारी बातें सख्त गुनाह की हैं आज काफिर लोग तुम्हारे दिन के मगलूम होने से

ना उम्मीद हो गए हैं लिहाजा उनसे मत डरो और मेरा डर दिल में रखो आज मैंने तुम्हारे

लिए तुम्हारा दिन मुकम्मल कर दिया तुम पर अपनी नियामत पूरी कर दी और तुम्हारे लिए

इसलाम को दिन के तौर पर हमेशा के लिए पसंद कर लिया लिहाजा इस दिन के एहकाम

की पूरी पाबंदी करो हां जो शख्स शदीद भूख के आलम में बिल्कुल मजबूर हो जाए और उस

मजबूरी में इन हराम चीजों में से कुछ खा ले बशर्ते के गुनाह रगबत की बिना पर ऐसा ना किया

हो तो बेशक अल्लाह (Allah)बहुत माफ करने वाला बड़ा मेहरबान है (सूरे अल अनआम)



हां वह लोग इससे मुस्तजना है जो तुम्हारे उन को काबू में लाने से पहले ही तौबा कर लें ऐसी सूरत

में यह ध्यान  रखो कि अल्लाह (Allah) बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है

(सूरे अल अनआम)



क्या फिर भी ये लोग माफी के लिए अल्लाह (Allah) की तरफ रूजू नहीं करेंगे और उस से मगफिरत नहीं मांगेंगे हालांकि अल्लाह (Allah) बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है

(सूरे अल अनआम)


फिर जो शख्स अपनी जालिमाना कार्रवाई से तौबा कर ले और मामलात दुरुस्त कर ले

तो अल्लाह (Allah)उसकी तौबा कुबूल कर लेगा बेशक अल्लाह (Allah) ताला बहुत बक्शने वाला बड़ा मेहरबान है

(सूरे अल अनआम)


यह बात भी ध्यान रखो के अल्लाह(Allah)अजाब देने में सख्त है और यह भी कि अल्लाह(Allah)बहुत बख्श ने वाला बड़ा मेहरबान है (सूरे अल अनफाल )


और जब तुम्हारे पास वह लोग आए जो हमारी आयतों पर ईमान(iman) रखते हैं तो उनसे कहो

सलामती हो तुम पर तुम्हारे परवरदिगार ने अपने ऊपर रहमत का यह मामला करना लाजिम कर लिया है कि अगर तुम में से कोई नादानी

से कोई बुरा काम कर बैठे फिर उसके बाद तौबा कर लें और अपनी इस्लाह कर ले तो अल्लाह(Allah)

बहुत बख्शने  वाला बड़ा मेहरबान है


ऐ पैगम्बर इन से कहो कि जो वही मुझ पर नाझील की गई है उसमें तो मैं कोई ऐसी चीज नहीं पाता जिसका

खाना कीसि खाने वाले के लिए हराम हो इल्ला ये कि वह मुर्दार हो या बहता हुआ खून हो या सूअर का गोश्त

हो क्योंकि वह नापाक है या जो ऐसा गुनाह का जानवर हो जिस पर अल्लाह के सिवा किसी और का नाम पुकारा

गया हो हां जो शख्स इन चीजों में से किसी के खाने पर इनतेहाई मजबूर हो जाए जबकि वह ना लज्जत हासिल करने

के गरज से ऐसा कर रहा हो और ना जरूरत की हद से आगे बढ़े तो बेशक अल्लाह बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है 

(सुरे-अत -तौबा)  



और जो लोग बुरे काम कर गुजरे फिर उनके बाद तौबा करले और इमान ले आए तो तुम्हारा रब उस तौबा के बाद उनके लिए बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है (सुरे-अत -तौबा) 

 




और याद करो वह वक्त जब तुम्हारे रब ने ऐलान किया कि वह उन पर कयामत के दिन तक कोई ना कोई ऐसा आजाब मुसल्लत करता रहेगा जो उनको बुरी बुरी तकलीफे पहुंचाएगा बेशक तुम्हारा रब जल्द ही सजा देने वाला भी है और यकीनन वह बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान भी है

 (सूरे यूनुस) 



और याद करो वह वक्त जब तुम्हारे रब ने ऐलान किया कि वह उन पर

कयामत के दिन तक कोई ना कोई ऐसा आजाब मुसल्लत करता रहेगा

जो उनको बुरी बुरी तकलीफे पहुंचाएगा बेशक तुम्हारा रब जल्द ही सजा

देने वाला भी है और यकीनन वह बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान भी है

 (सूरे यूनुस)


लिहाजा अब तुमने जो माल गनीमत में हासिल किया है उसे पाकीजा हलाल माल के तौर पर खाओ और अल्लाह से डरते रहो यकीनन अल्लाह बहुत बखशने वाला बड़ा मेहरबान है

 (सुरे- हुद) 


ऐ नबी तुम लोगों के हाथों में जो कैदी हैं और जिन्होंने मुसलमान होने का इरादा जाहिर किया है उनसे कह दो कि अगर अल्लाह तुम्हारे दिलों में भलाई देखेगा तो जो माल तुमसे फिदीए में लिया गया है उससे बेहतर तुम्हें दे देगा और तुम्हारी बख्शीश कर देगा और अल्लाह बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है

(सुरे- हुद)  

 

पढने की फ़ज़ीलत -(या रहेमान -ऐ बेहद रहम करने वाले )जो शख्स रोजाना हर नमाज के बाद सौ मर्तबा या रहमानु पड़ेगा उसके दिल से इंशाल्लाह हर किसम  की सख्ती और गफलत दूर हो जाएगी