मालिकील मुल्क का तरजुमा, तफसिर और फायदे हिन्दी में

मालिकुल-मुल्क(Malik Ul Mulk)
मालिकुल-मुल्क(Malik Ul Mulk)

अल्लाह मालिकुल-मुल्क,  है।  वह पूरी सृष्टि का एकमात्र मालिक है और पूर्ण अधिकार के साथ किसी भी तरीके से, किसी भी समय और वैसे भी कार्य कर सकता है।

 कुरान और हदीस से उल्लेख

  और वह बोल उठे आप ही की जात पाक है जो कुछ इल्म आपने हमें दिया है उसके सिवा हम कुछ नहीं जानते हकीकत में इल्म हिकमत के मालिक आप है(सूरे बक़रह)


काफिर लोग कहते है के अहले किताब में से हो या मुशरिकीन में से यह पसंद नहीं करते कि तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से कोई भलाई तुम पर नाझील हो हालांके अल्लाह(ALLAH) जिसको चाहता है अपनी रहमत के लिए मख़सूस फर्मा लेता है और अल्लाह(ALLAH) फज़ले अज़ीम का मालिक है  (सूरे बक़रह)


और जब मूसा ने अपने कौम से कहा था कि मेरी कौम हकीकत में तुमने बछड़े को माबूद

बना कर खुद अपनी जानो  पर जुल्म किया है लिहाजा अब अपने मालिक से तोबा करो ये खालिक के नजदीक तुम्हारे हक़्क़ में बेहतर हैं इस तरह अल्लाह(ALLAH)

ने तुम्हारे तौबा कबूल कर ली देखो वही है जो बेशक इतना माफ करने वाला इन्तेहाई रहम करने वाला है 

(सूरे बक़रह)


हमारे परवरदिगार हम दोनों को अपना मुकम्मल फरमाबरदार बना ले और हमारी नस्ल में से भी ऐसी उम्मत पैदा करे जो तेरी पूरी दावेदार हो और हमको हमारे इबादत के तरीके सिखा दे और हमारी तौबा कुबूल फरमा ले और बेशक सिर्फ तू ही माफ कर देने वाला है और तू ही बड़ी रहमत का मालिक है

(सूरे बक़रह)

 वह जिसको चाहता है दानाई अदा कर देता है और जिसे दानाई अता हो गई उसे वापस एक बार में भलाई मिल गई और नसीहत वहीं लोग हासिल करते हैं जो समझ के मालिक हैं  (सूरे अन निसा ) 



जो इससे पहले लोगों के लिए जिस समय हिदायत बन कर आई थी और उसी ने हक़्क़

और बातिल को परखने का मयार नाझील किया बेशक जिन लोगों ने अल्लाह (Allah)की आयतों का इनकार किया है उनके लिए सख्त आजाब है और अल्लाह (Allah)जबरदस्त इब्तेदार का मालिक और बुराई का बदला देने वाला है  (सूरे अन निसा ) 



यकीन रखो कि अल्लाह (Allah)से कोई भी चीज छुप नहीं सकती ना जमीन में ना आसमान में 

वही है जो मांओ के पेट में जिस तरह चाहता है तुम्हारी सूरते बनाता है उसके सिवा कोई माबूद नहीं वह जबरदस्त इब्तेदार का भी मालिक है और आला दर्जे के हिकमत का भी (सूरे अन निसा ) 



यकिन मानो इन वाक़ियात का सच्चा बयान यही है और अल्लाह (Allah)के सिवा कोई माबूद नहीं है और यकीनन अल्लाह (Allah) ही है जो इब्तेदार का भी मालिक और हिकमत का भी मालिक (सूरे अन निसा ) 



जो इससे पहले लोगों के लिए जिस समय हिदायत बन कर आई थी और उसी ने हक़्क़

और बातिल को परखने का मयार नाझील किया बेशक जिन लोगों ने अल्लाह (Allah)की आयतों का इनकार किया है उनके लिए सख्त आजाब है और अल्लाह (Allah)जबरदस्त इब्तेदार का मालिक और बुराई का बदला देने वाला है (सूरे अन निसा ) 

 


कहो ऐ अल्लाह (Allah)ऐ इब्तेदार के मालिकतू जिसको चाहता है इब्तेदार बख्श देता है और जिससे चाहता है इब्तेदार छीन लेता है

और जिसको चाहता है इज्जत बख्शता है और जिसको चाहता है रुसवा कर देता है तमाम

दर भलाई तेरे ही हाथ में है यक़ीनन तू हर चीज पर कादीर है (सूरे अन निसा ) 



वह अपनी रहमत के लिए जिसको चाहता है खासतौर पर मुंतखब कर लेता है और अल्लाह (Allah)फजले अजीम का मालिक है (सूरे अन निसा ) 


 ये इंतजाम सिर्फ इसलिए किया था ताकि तुम्हे खुशखबरी मिले और इससे

तुम्हारे दिलो को इत्मीनान नसीब हो वरना फत्तह तो किसी और की तरफ से

नहीं सिर्फ अल्लाह (Allah)

के पास से आती है जो मुकम्मल इब्तेदार का भी मालिक है तमाम दर हिअल्लाह (Allah) कमत का भी मालिक  (सुरे-अल-माइदा)


अल्लाह (Allah) तुम्हारी औलाद के बारे में तुम को हुक्म देता है के मर्द का हिस्सा दो औरतों के बराबर है और अगर सिर्फ औरतें ही हो दो या दो से ज्यादा तो मरने वाले ने जो कुछ छोड़ा हो उन्हें उसका दो तिहाई हिस्सा मिलेगा और अगर सिर्फ एक औरत हो तो उसे तरके का आधा हिस्सा मिलेगा और मरने वाले के वालेदैन में से हर एक को तरके का छठा हिस्सा मिलेगा बशर्ते के मरने वाले की कोई औलाद हो और अगर उसकी कोई औलाद ना हो और उसके वालेदैन ही उसके वारिस हो तो उसकी मां तिहाई हिस्से की हकदार है हां अगर उसके कई भाई हो तो उसकी मां को छटा हीस्सा दिया जाएगा और यह सारी तकसीम उस वसीयत पर अमल करने के बाद होगी जो मरने वाले ने की हो या अगर उसके जिम्मे में कोई कर्ज है तो उसकी अदायगी के बाद तुम्हे इस बात का ठीक ठीक इल्म नहीं है कि तुम्हारे बाप बेटों में से कौन ज्यादा फायदा पहुंचाने के लिहाज से तुमसे ज्यादा करीब है यह तो अल्लाह (Allah) के मुकर्रर किए हुए हिस्से हैं यकीन रखो की अल्लाह (Allah) इल्म का भी मालिक है और हिकमत का भी मालिक (सुरे-अल-माइदा)


नतीजा ये कि ये लोग अल्लाह (Allah) की नेमत और फज़ल लेकर इस तरह वापस

आए कि उन्हें जरा भी गजन नहीं पहुंची और वह अल्लाह (Allah) की ख़ुशनूदी के ताबे रहे और अल्लाह (Allah) फज़ले अज़ीम का मालिक है

(सुरे-अल-माइदा)


ईमान वालों यह बात तुम्हारे लिए हलाल नहीं है कि तुम जबरदस्ती औरतों के मालिक बन बैठेा और उनको इस गरज से मुक़य्यर मत करो कि तुमने जो कुछ उनको दिया है

उसका कुछ हिस्सा ले उड़ो इल्ला ये कि वह खुली बे हयाई का एतिखाफ करें और उनके

साथ भले अंदाज में जिंदगी बसर करो और अगर तुम्हें पसंद ना करते हो तो यह ऐन मुमकिन

है कि तुम किसी चीज को नापसंद करते हो और अल्लाह (Allah) ने उस में बहुत कुछ भलाई रख दी हो

(सुरे-अल-माइदा)


 ये इंतजाम सिर्फ इसलिए किया था ताकि तुम्हे खुशखबरी मिले और इससे तुम्हारे दिलो को

इत्मीनान नसीब हो वरना फत्तह तो किसी और की तरफ से नहीं सिर्फ अल्लाह (Allah) के

पास से आती है जो मुकम्मल इब्तेदार का भी मालिक है तमाम दर हिअल्लाह (Allah) कमत का भी मालिक  (सुरे-अल-माइदा) 


निज वह औरतें तुम पर हराम है जो दूसरे शोहरों के निकाह में हो अलबत्ता जो कनीजें तुम्हारी

मिल्कियत में आ जाए वह मुस्तजना है अल्लाह(Allah) ने यह अहेकाम तुम पर फ़र्ज़ कर दिए है इन औरतों को छोड़कर तमाम औरतों के

बारे में यह हलाल कर दिया गया है कि तुम अपना माल बतोरे मेहर खर्च करके उन्हें

अपने निकाह में लाना चाहो बशर्ते कि तुम उनसे बा निकाह का रिश्ता कायम करके इस की

इफ़्फ़त हासिल करो सिर्फ शहवत निकालना मक़सूद न हो चुनांचे जिन औरतों से निकाह करके

तुमने लुफ्त उठाया हो उनको उनका वह मेहर अदा करो जो मुकर्रर किया गया हो अलबत्ता मेहर

मुकर्रर करने के बाद भी जिस कमी पेशी पर तुम आपस में राजी हो जाओ उसमें तुम पर कोई गुनाह

नहीं यकीन रखो के अल्लाह(Allah) हर बात का इल्म भी रखता है और वह हिकमत का भी मालिक है  (सुरे-अल-माइदा) 


  

और तुम उन लोगों यानी काफीर दुश्मन का पीछा करने में कमजोरी ना दिखाओ

अगर तुम्हें तकलीफ पहुंची है तो उनको भी उसी तरह तकलीफ पहुंची है जैसे तुम्हे

पहुंची है और तुम अल्लाह(Allah) से उस बात के उम्मीदवार हो जिस के वह उम्मीदवार नहीं और अल्लाह(Allah) इल्म का भी मालिक है और हिकमत का भी मालिक  (सुरे-अल-माइदा) 



और जो शख्स कोई गुनाह कमाए तो वह उस कमाई से खुद अपने आप को नुकसान पहुंचाता

है और अल्लाह(Allah) पूरा इल्म भी रखता है और हिकमत का भी मालिक है (सुरे-अल-माइदा) 


ऐ लोगों ये रसूल तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से हक़्क़ लेकर आ गए हैं अब इन पर ईमान ले आओ के  तुम्हारी बेहतरी इसी में है और अगर अब भी तुमने कुफ्र की राह

अपनाई तो खूब समझ लो कि तमाम आसमानो और जमीन में जो कुछ है अल्लाह (Allah) ही का है और अल्लाह (Allah) इल्म और हिकमत दोनों का मालिक है

 (सूरे अल अनआम )



 ऐ ईमान(iman)  वालों जब तुम्हें एहराम की हालत में हो तो किसी शिकार को

क़त्ल ना करो और अगर तुम में से कोई उसे जान बूझकर क़त्ल कर दे तो उसकाबदला देना वाजिब होगा जिस का तरीका यह होगा कि जो जानवर उसने क़त किया है उस जानवर के बराबर चौपाइयों में से किसी जानवर को जिसका फैसला

तुम में से दो दयानतदार तजुर्बा कार आदमी करेंगे काबा पहुंचाकर कुर्बान किया जाए

या उसकी कीमत का कफ़्फ़ारा मिसकीनों को खाना खिलाकर अदा किया जाए या

उसके बराबर रोजे रखे जाएं ताकि वह शख्स अपने किए का बदला चखे पहले जो

कुछ हो चुका अल्लाह(Allah)ने उसे माफ कर दिया और जो शख्स दोबारा ऐसा करेगा

तो अल्लाह(Allah)उससे बदला लेगा और अल्लाह(Allah)इब्ते दार और इंतेकाम का मालिक है (सुरे-अल-अनफाल)


निज वह कहते हैं इन खास चौपायो के पेट में जो बच्चे हैं वह सिर्फ हमारे मर्दों के लिए

मख़सूस हैं और हमारी औरतों के लिए हराम है और अगर वह बच्चा मुर्दा पैदा हो तो

उससे फायदा उठाने में सब मर्दों औरत शरीक हो जाते हैं जो बातें यह लोग बना रहे हैं

अल्लाह (Allah) उन्हें अनक़रीब उनका पूरा-पूरा बदला देगा यकीनन वह हिकमत का भी मालिक है इल्म का भी मालिक (सुरे-अत -तौबा) 



कह दो कि क्या मैं अल्लाह (Allah)के सिवा कोई और परवरदिगार(parvardigar)तलाश करु हालांकि वह हर चीज का मालिक है और जो

कोई शख्स कोई कमाई करता है उसका नफा नुकसान किसी

और पर नहीं खुद उसी पर पड़ता है और कोई बोझ उठाने वाला

किसी और का बोझ नहीं उठाएगा फिर तुम्हारे परवरदिगार(parvardigar)

ही की तरफ तुम सबको लौटना है उस वक्त मैं तुम्हें वह सारी बातें बताउगा

जिनमें तुम इख्तिलाफ किया करते थे ( सुरे-अत -तौबा)


 फिर भी अगर ये काफिर तुम्हे झुटलाए तो कह दो कि तुम्हारा परवरदिगार(parvardigar)बड़ी वसी रेहमत का मालिक है और उसके आजाब को मुजरिमो से टलाया नहीं जा सकता (सुरे-अत -तौबा) 


उन्होंने कहा यकिनन हम मर कर अपने मालिक ही के पास वापस जाएंगे  (सुरे-यूनुस) 


और तू इसके सिवा हमारे किस बात से नाराज है कि जब हमारे मालिक की निशानियां हमारे पास आ गई तो हम उन पर ईमान ले आए ऐ हमारे परवरदिगार हम पर सब्र के पैमाने कुंडेल दें और हमें इस हालत में मौत दे कि हम तेरे ताबेदार हो  

(सुरे-यूनुस) 

और यह वादा अल्लाह(Allah)ने किसी और वजह से नहीं बल्कि सिर्फ इसलिए किया कि वह खुशखबरी बने और ताकि तुम्हारे दिलों को इत्मीनान हासिल हो वरना मदद किसी और के पास से नहीं सिर्फ अल्लाह(Allah) के पास से आती है यकीनन अल्लाह(Allah)इब्तेदार का भी मालिक है हीकमत का भी मालिक (सुरे-यूनुस) 


ऐ ईमान वालों अगर तुम अल्लाह(Allah)के साथ तक्वे की रवीश इख़्तियार करोगे तो वह तुम्हें हक को बातिल की

तमीज अता कर देगा और तुम्हारी बुराइयों का कफ़्फ़ारा कर देगा और तुम्हें

मगफिरत से नवाजेगा और अल्लाह(Allah)फजले अजीम का मालिक है 

(सुरे-यूनुस) 

 

और उनके दिलों में एक दूसरे की उल्फत पैदा कर दी अगर तुम जमीन भर की सारी दौलत ही खर्च कर लेते तो उनके दिलों में ये उल्फत पैदा न कर सकते लेकिन अल्लाह ने उनके दिलों को जोड़ दिया वह यक़ीनन इब्तेदार का भी मालिक है हीकमत का भी मालिक (सुरे- हुद)  


पढ़ने के फायदे
इस ईएसएम के निरंतर पाठक को धन, आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता प्रदान की जाएगी - इंशाअल्लाह।

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