अल-जामेय का तरजुमा, तफसिर और फायदे हिन्दी में AL JAMAY

अल-जामेय(Al-Jamay)
अल-जामेय(Al-Jamay)


अल्लाह अल-जामेय है, वह वह है जिसके पास सभी को इकट्ठा करने और व्यवस्थित करने की शक्ति है, जिसे फैलाया गया है।  वह वह है जो चीजों को एक साथ जोड़ता और जोड़ता है।

 कुरान और हदीस से उल्लेख

अल्लाह(Allah) वह है जो उसके सिवा कोई खुदा नहीं वह तुम्हें जरूर ब जरूर कयामत के दिन इकट्ठा करेगा जिसके आने में कोई शक नहीं है और कौन है जो अल्लाह(Allah) से ज्यादा बात का सच्चा हो ( सुरे-अल-माइदा)  


  

और अल्लाह(Allah) को गिनती के चंद दिनों में जब तुम मिना में मुक़ीम हो याद करते रहो फिर जो शख्स दो ही दिन में जल्दी चला जाए उस पर भी कोई गुनाह नहीं है और जो शख्स एक दिन बाद में जाए उस पर भी कोई गुनाह नहीं है ये तफ्सील उसके लिए है जो तक़वा इख्तियार करे और तुम सब तक़वा इख्तियार करो और यकीन रखो तुम सबको उसी के तरफ ले जाकर जमाह कर दिया जाएंगा (सूरे अल इमरान ) 


और यहूदी कहते हैं ईसाईयोंके के मजहब की कोई बुनियाद नहीं और ईसाई कहते है के यहदुओंके मजहब की कोई बुनियाद नहीं हालांकि यह सब आसमानी किताब पढ़ते है इसी तरह वह मुश्रिकीन जिनके पास कोई आसमानी इल्म नहीं है उन्होंने भी यह अहले किताब जैसी बातें कहना शुरू करदी है चुनांचे अल्लाह(ALLAH) क़यामत के दिन इनके बातों का फैसला करेगा जिस तरह यह कहते है (अल बक़रह )


उसके बाद आज तुम ही वह लोग जो अपने ही आदमियों को कत्ल करते हो और अपने ही में से कुछ लोगों को उनके घरों से निकाल बाहर करते हो और उनके खिलाफ होना और ज्यादति कर करते हो उनके दुश्मनों की मदद करते हो और वह दुश्मनो के कैदी बनकर तुम्हारे पास आ जाते हैं तो तुम उनको फिदिया देकर छुड़ा लेते हो हालांके हम तो घर से निकालना हीं तुम्हारे लिए हराम था तो क्या तुम किताब याने तौरात के कुछ हिस्से पर ईमान रखते हो और कुछ का इनकार करते हो अब बताओ जो शख्स ऐसा करे उसकी सजा इसके सिवा क्या है दुनियावी जिंदगी  में उसकी रुस्वाई है और क़यामत के दिन ऐसे लोगों को बतरीन आजाब दिया जाएगा और जो कुछ तुम अमल करते हो अल्लाह(ALLAH) उससे गाफिल नहीं है

(अल बक़रह )



हकीकत यह है कि जो लोग अल्लाह(Allah) की नाझील की गई किताब को छुपाते हैं और इसके बदले थोडीसी कीमत वसूल कर लेते हैं वह अपने पेट में आग के सिवा कुछ नहीं भर रहे हैं क़यामत के दिन अल्लाह(Allah) उन से कलाम भी नहीं करेगा और ना उनको पाक करेंगा और उनके लिए दर्दनाक अजाब है (सूरे अल इमरान )


 उसकी तदबीर उस वक्त सामने आई जब अल्लाह (Allah)ने कहा था कि ऐ ईसा मैं तुम्हें सही सालिम वापस ले लूंगा और तुम्हें अपनी तरफ उठा लूंगा और जिन लोगों ने कुफ्र अपना लिया है उनकी इजा से तुम्हें पाक कर दूंगा और जिन लोगों ने तुम्हारे इत्तेबा की है उनको कयामत के दिन तक उन लोगों पर ग़ालिब रखूंगा जिन्होंने तुम्हारा इनकार किया है फिर तुम सबको मेरे पास लौट कर आना है उस वक्त में तुम्हारे दरमियान उन बातों का फैसला करूंगा जिनमें तुम इख्तिलाफ करते थे (सूरे अन निसा )


जो लोग सूद खाते हैं वह कयामत में उठेंगे तो उस शक्स की तरह उठेंगे जिसे शैतान ने छूकर कर पागल बना दिया हो ये इसलिए होगा की उन्होंने कहा था कि बै भी तो सूद की तरह होती है हालांकि अल्लाह (Allah)ने बै को हलाल किया है और सूद को हराम करार दिया है लिहाजा जिस शख्स के पास उसके परवरदिगार की तरफ से नसीहत आ गई और वह सूदी मामलात से बाज आ गया तो माझी में जो कुछ हुआ उसी का है और उस के बाद कैफियत का मामला अल्लाह (Allah)के हवाले है और जिस शख्सने लौट के फिर वही काम किया तो ऐसे लोग दोजखी हैं (सूरे अन निसा )


इसके ब खिलाफ जो लोग अल्लाह (Allah)से किए हुए अहद और अपनी खाई हुए कसमो का सौदा करके थोड़ी सी कीमत हासिल कर लेते हैं उनका आखिरत में कोई हिस्सा नहीं होगा और कयामत के दिन ना अल्लाह (Allah)उनसे बात करेगा ना उन्हें रियायत की नजर से देखेगा ना उन्हें पाक करेगा और उनका हिस्सा तो बस आजाब होगा इंतिहा ही दर्दनाक

(सूरे अन निसा )


हर जानदार को मौत का मजा चखना है और तुम सबको तुम्हारे आमाल के पूरे पूरे बदले कयामत ही के दिन मिलेंगे फिर जिस किसीको दोजख से दूर हटा लीया गया और जन्नत में दाखिल कर दिया गया वह सही मायने में कामियाब हो गया और ये दुनयावी जिंदगी तो जन्नत के मुकाबले में धोके के सामान के सिवा कुछ भी नहीं (सुरे-अल-माइदा) 


और किसी नबी से यह नहीं हो सकता कि वह माले गनीमत में खयानत करें और जो कोई खयानत करेगा वह कयामत के दिन वह चीज लेकर आएगा जो उसने खयानत कर के ली होगी फिर हर शख्स को उसके किए का पूरा पूरा बदला दीया जाएगा और किसी पर कोई जुल्म नहीं होगा (सुरे-अल-माइदा) 


ऐ मुसलमानों यह वह लोग हैं जो तुम्हारे अंजाम के इंतजार में बैठे रहते हैं चुनांचे अगर तुम्हें अल्लाह(Allah) की तरफ से फत्तह मिले तो तुमसे कहते हैं कि क्या हम तुम्हारे साथ ना थे और अगर काफिरों को फत्तह नसीब हो तो उनसे कहते हैं कि क्या हमने तुम पर काबू नहीं पा लिया था और क्या इसके बावजूद हमने तुम्हें मुसलमानों से नहीं बचाया बस अब तो अल्लाह(Allah) ही कयामत के दिन तुम्हारे और उनके दरमियान फैसला करेगा और अल्लाह(Allah) काफिरों के लिए मुसलमानों पर ग़ालिब आने का हरगिस कोई रास्ता नहीं रखेगा (सुरे-अल-माइदा)


अरे तुम्हारी बिसाद यही तो है कि तुमने अपनी दुनियावी जिंदगी में लोगों से झगड़ कर उन खयानत करने वालों की हिमायत कर ली भला उसके बाद कयामत के दिन अल्लाह(Allah) से झगड़ कर कौन उनकी हिमायत करेगा या कौन उनका वकील बनेगा (सुरे-अल-माइदा)


यकीन रखो कि जिन लोगों ने कुफ्र अपना लिया है अगर जमीन में जितनी चीजें हैं वह सब उनके पास हो और उतनी ही और भी हो ताकि वह कयामत के दिन के आजाब से बचने के लिए वह सब फिदिए में पेश कर दे  तब भी उनकी यह पेशकश कुबूल नहीं की जाएगी और उनको दर्दनाक आजाब होगा (सूरे अल अनआम )


हकीकत यह है कि बड़े खसारे में है वह लोग जिन्होंने अल्लाह(Allah)से जा मिलने को झूटलाया है यहां तक कि जब कयामत अचानक उनके सामने आ खड़ी होगी तो वह कहेंगे हाय अफसोस कि हमने इस कयामत के बारे में बड़ी कोताही की और वह उस वक्त अपनी पीठों पर अपने गुनाहों का बोझ लादे हुए होंगे लिहाजा खबरदार रहो यह बहुत बुरा बोझ है जो यह लोग उठा रहे हैं (सूरे अल अनफाल )


फिर कयामत के दिन अल्लाह(Allah)ताला उनसे कहेगा कि तुम हमारे पास उसी तरह से तन्हा आ गए हो जैसे हमने तुम्हें पहली बार पैदा किया था और जो कुछ हमने तुम्हें बख़्शा था वह सब अपने पीछे छोड़ आए हो और हमें तो तुम्हारे वह सिफारिशी कहीं नजर नहीं आ रहे जिनके बारे में तुम्हारा दावा था कि वह तुम्हारे मामलात तय करने में तुम्हारे साथ शरीक हैं हकीकत यह है कि उनके साथ तुम्हारे सारे तालुकात टूट चुके हैं और जिन के बारे में तुम्हें बड़ा जोम था वह सब तुम से गुम हो कर रह गए हैं (सूरे अल अनफाल )


और वही जात है जिस में आसमानो और जमीन को बर हक़्क़ पैदा किया है और जिस दिन वह रोजे कयामत से कहेगा कि तू हो जा तो वह हो जाएगा उसका कॉल बर हक है और जिस दिन सूर फूंका जाएगा उस दिन बादशाही उसी की होगी वह गैबो हाजिर हर चीज को जानने वाला है और वही बड़ी हीकमतवाला पूरी तरह बा खबर है (सूरे अल अनफाल )


कहो कि आखिर कौन है जिसने झीनत के उस सामान को हराम करार दिया हो जो अल्लाह (Allah) ने अपने बंदों के लिए पैदा किया है और इसी तरह पाकीजा रिज्क की चीजों को कहो कि जो लोग ईमान(iman) रखते हैं उनको यह नेमते जो दुनिया में जिंदगी में मिली हुई है कयामत के दिन खालीस उन्ही के लिए होंगी इसी तरह हम तमाम आयते उन लोगों के लिए तफ़सील से बयान करते हैं जो इल्म से काम ले ( सुरे-अत -तौबा ) 


और याद करो वह वक्त जब तुम्हारे रब ने ऐलान किया कि वह उन पर कयामत के दिन तक कोई ना कोई ऐसा आजाब मुसल्लत करता रहेगा जो उनको बुरी बुरी तकलीफे पहुंचाएगा बेशक तुम्हारा रब जल्द ही सजा देने वाला भी है और यकीनन वह बहुत बख्शने वाला बड़ा मेहरबान भी है (सुरे-यूनुस )


ऐ रसूल लोग तुम से कयामत के बारे में पूछते हैं कि वह कब बर्बा होगी कह दो कि उसका इल्म तो सिर्फ मेरे रब के पास है वही उसे अपने वक्त पर खोलकर दिखाएगा कोई और नहीं वह आसमानों और जमीन में बड़ी भारी चीज है जब आएगी तो तुम्हारे पास अचानक आ जाएगी यह लोग तुमसे इस तरह पूछते हैं जैसे तुमने उसकी पूरी तहकिक कर रखी है कह दो कि उसका इल्म सिर्फ अल्लाह(Allah)के पास है लेकिन अक्सर लोग इस बात को नहीं जानते (सुरे-यूनुस )


और ऐ रसूल लोगों को वह वक्त याद दिलाओ जब तुम्हारे परवरदिगार ने आदम के बेटों की पुस्त से उनकी सारी औलाद को निकाला था और उनको खुद अपने ऊपर गवाह बनाया था और पूछा था के क्या मैं तुम्हारा रब नहीं हूं सब ने जवाब दिया था कि क्यों नहीं हम सब इस बात की गवाही देते हैं और यह इकरार हमने इसलिए लिया था ताकि तुम कयामत के दिन यह ना कह सको कि हम तो इस बात से बेखबर थे (सुरे-यूनुस )

 


 

 


 



वह जो सामंजस्य स्थापित करता है और एकजुट करता है।  वह जो एक साथ इकट्ठा होता है जो बिखरा हुआ था।  वह जो इकट्ठे होकर व्यवस्था करता है।  वह जो रचना करता है, व्यवस्थित करता है और आपस में जोड़ता है।

पढ़ने के फायदे
यदि किसी के परिवार या रिश्तेदार बिखरे हुए हैं (युद्ध, भूकंप, बाढ़ आदि के कारण) तो उसे दोहा (चास्ट) के समय स्नान करना चाहिए, और स्वर्ग की ओर टकटकी लगाकर इस इस्म को 10 बार कहना चाहिए।  लेकिन यह उंगलियों के साथ इस तरह से होना चाहिए कि प्रत्येक पढ़ने के साथ, एक उंगली बंद हो।  तत्पश्चात हाथ को चेहरे के आर-पार किया जाना चाहिए (जैसे कि दुआ पूरी करते समय)।  ऐसा करने से, हाय परिवार के छितरे हुए सदस्य जल्द ही एक साथ आएंगे - इंशाअल्लाह।

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