अल-मानि नाम का तरजुमा, तफसिर और फायदे हिन्दी में अल maney

अल-मानिऊ(Al-Maani)
अल-मानिऊ(Al-Maani)


अल्लाह अल-मानिऊ है, जो उन अवांछनीय लोगों से इनाम लेता है।  अल्लाह लोगों को हानिकारक स्थितियों से बचाता है और अवांछनीय कार्यों को रोकता है।  वह उन लोगों से अपनी रोशनी वापस ले सकता है जो जानबूझकर उसे अस्वीकार करते हैं।

 कुरान और हदीस से उल्लेख

 मूल m-n- has से, जिसमें निम्नलिखित शास्त्रीय अरबी अर्थ हैं: रोकना, रोकना, वापस पकड़ना, रोकना, इनकार करना, मना करना, विरोध करना, मना करना, बचाव करना, बचाव करना, रक्षा करना।

 या वह कौन है जो आपके लिए प्रावधान कर सकता है यदि वह अपने प्रावधान को वापस ले लेता है?  लेकिन वे जिद और उहापोह में बने रहे।  (कुरान 67:21)



कोई भी नहीं है जो वह देता है जो वह रोकता है और कोई नहीं जो वह रोकता है वह दे सकता है।  हर वह चीज जो अच्छी या लाभ ला सकती है, वह उससे मांगी और मांगी गई है।  वह वह है जो वह देता है जिसे वह देता है और जिसे वह अपनी इच्छा और दया के अनुसा


वह जो हानि पहुँचाता है, शारीरिक या आध्यात्मिक।  वह जो हानिकारक स्थितियों से बचाता है।  वह जो अवांछनीय कार्यों को रोकता है।  वह जो गलत कार्य में बाधा डालता है या बाधा डालता है।  वह जो एक चीज को दूसरे को नुकसान पहुंचाने से रोकता है।

और वो वकत याद करो जब हमने तुमको फिरौन के लोगों से बचा ले आए जो तुम्हें बड़ा आजाब  देते थे तुम्हारे बेटों को मार डालते और तुम्हारी औरतों को जिंदा रखते थे और इस सारी सूरत हाल में तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम्हारा बड़ा इम्तेहान था ( बकरह )

सुर


उसके बाद आज तुम ही वह लोग जो अपने ही आदमियों को कत्ल करते हो और अपने ही में से कुछ लोगों को उनके घरों से निकाल बाहर करते हो और उनके खिलाफ होना और ज्यादति कर करते हो उनके दुश्मनों की मदद करते हो और वह दुश्मनो के कैदी बनकर तुम्हारे पास आ जाते हैं तो तुम उनको फिदिया देकर छुड़ा लेते हो हालांके हम तो घर से निकालना हीं तुम्हारे लिए हराम था तो क्या तुम किताब याने तौरात के कुछ हिस्से पर ईमान रखते हो और कुछ का इनकार करते हो अब बताओ जो शख्स ऐसा करे उसकी सजा इसके सिवा क्या है दुनियावी जिंदगी  में उसकी रुस्वाई है और क़यामत के दिन ऐसे लोगों को बतरीन आजाब दिया जाएगा और जो कुछ तुम अमल करते हो अल्लाह(ALLAH) उससे गाफिल नहीं है  ( सूरे बकरह )


यह वह लोग है के जिन्होंने दुनियावी जिंदगी को आख़िरत के बदले खरीद लिया है लिहाजा न उनके आजाब में कोई ना तखदीफ़ होगी और ना उनकी कोई मदद की जाएगी ( सूरे बकरह )


मगर हुआ यह के जो बात उनसे कहीं गई थी जालिमों ने उसे बदलकर एक और बात बना ली नतीजा ये की वह नाफ़रमानियां करते आ रहे थे हमने उनकी इंसाफ में उनपर आसमान से आजाब नाझील किया  ( सूरे बकरह )


यह वह लोग हैं जो कहते हैं कि ऐ हमारे परवरदिगार हम आप पर ईमान ले आए हैं अब हमारे गुनाहों को बख्श दीजिए और हमें दोजख के अजाब से बचा लिजिए (सूरे अन निसा )


जो लोग अल्लाह (Allah)की आयतों को झुट्लाते हैं और नबीयों को नाहक कत्ल करते हैं और इंसाफ की तलकिन करने वाले लोगों को भी क़त्ल करते हैं उनको दर्दनाक आजाब की खुशखबरी सुना दो(सूरे अन निसा )



मोमिन लोग मुसलमानों को छोड़कर काफिरों को अपना यारों मददगार ना बनाएं और जो ऐसा करेगा उसका अल्लाह (Allah)से कोई ताल्लुक नहीं इल्ला यह तुम उनके जुल्म से बचने के लिए बचाव का कोई तरीका है इख़्तियार करो और अल्लाह (Allah)तुम्हें अपने आजाब से बचाता है और उसी की तरफ सब को लौट कर जाना है





अल्लाह(ALLAH) ने उनके दिलो पर और उनके कानों पर मुहर लगा दी है और उनकी आंखों पर पर्दा पड़ा हुआ है और उनके लिए जबरदस्त आजाब है  ( सूरे बकरह )




पढ़ने के फायदे
 यदि किसी का अपने पति या पत्नी के साथ कोई विवाद है तो बिस्तर पर लेटते समय इस इस्माईट को 29 बार सुनाना चाहिए - इंशाअल्लाह, यह विवाद सुलझ जाएगा और इसके बजाय प्यार और स्नेह होग

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