अन-नूर नाम का तरजुमा, तफसिर और फायदे हिन्दी में अन AN Noor

अन-नूर(An-Noor)
अन-नूर(An-Noor)


अल्लाह अन-नूर है, वह है जो सभी दुनिया के दिव्य प्रकाश को प्रकाशित और प्रकट करता है।  उनका प्रकाश दिल को रोशन करता है और स्पष्टता और मार्गदर्शन प्रदान करता है।  जो कोई भी सत्य प्रकाश की ओर पीठ करेगा, उसे अंधेरे में छोड़ दिया जाएगा।

 कुरान और हदीस से उल्लेख
  

  
आकाश और पृथ्वी का प्रकाश, जो प्रकाशमान है - ज्ञानियों के दिलों को अपने ज्ञान के साथ, उनके प्रति विश्वास और उनके मार्गदर्शन में प्रेरित करता है।

   वह वह है जिसने स्वर्ग और पृथ्वी को रोशनी के साथ जलाया है जो उसने उसमें रखा है।  उनका घूंघट हल्का है और वे इसे उजागर करने के लिए थे, उनके चेहरे की निष्ठा और वैभव उस सृष्टि की हर चीज को जला देगा, जिस पर उनकी दृष्टि गिर गई थी। 

  अल्लाह आकाश और पृथ्वी का प्रकाश है।  हिज लाइट का दृष्टांत ऐसा है मानो कोई आला हो और उसके भीतर एक चिराग हो, चिराग एक ग्लास में हो, और ग्लास जैसे कि वह एक शानदार तारा, एक धन्य पेड़ से जलाया गया, एक जैतून, पूर्व का न तो  पश्चिम में, जिसका तेल लगभग [आगे] चमकता होगा, भले ही कोई भी आग इसे छूती नहीं है।  प्रकाश पर प्रकाश!  अल्लाह नूर को संदेश करता है जिसे वह चाहता है।  अल्लाह मानव जाति के लिए दृष्टान्त देता है, और अल्लाह सब कुछ जानता है।  [ए-नूर (24): 35]

उनकी मिसाल उस शख्स जैसी है जिस में एक आग रोशन कि फिर जब उस आग ने उसके माहौल को रोशन कर दिया अल्लाह(ALLAH) ने उनका नूर सल्फ कर लिया और उन्हें अंधेरों में छोड़ दिया जिस मे कुछ सुझाई नहीं देता

(सुर-ए-बक़रह)


बेशक हमने तोरात नाझील की थी जिसमें हिदायत थी और नूर था तमाम नबी जो अल्लाह (Allah) ताला के फरमाबरदार थे उसी के मुताबिक यहूदियों के मामलात का फैसला करते थे और तमाम अल्लाह (Allah) वाले और उलेमा भी उसी पर अमल करते रहे क्योंकि उनको अल्लाह (Allah) की किताब का मुहाफिज बनाया गया था और वह उसके गवाह थे लिहाजा ऐ यहूदियों तुम लोगों से ना डरो और मुझसे डरो और थोड़ी सी कीम्मत लेने के खातिर मेरी आयतों का सौदा ना किया करो और जो लोग अल्लाह (Allah) के नाझील किए हुए हुक्म के मुताबिक फैसला ना करें वह लोग काफिर है 

(सुरे-अल-अनआम ) 


और हमने उन पैगम्बर के बाद ईसा इब्ने मरियम को अपने से पहली किताब यानी तौरात की तस्दीख करने वाला बनाकर भेजा और हमने उनको इंजील अदा की जिसमें हिदायत थी और नूर था और जो अपने से पहले किताब यानी तौरात की तस्दीख करने वाली और मुत्तकियों के लिए सराफा हिदायत और नसीहत बन कर आई थी (सुरे-अल-अनआम ) 


जो उस रसूल या नबी ए उम्मी के पीछे चलें जिसका जिक्र वह अपने पास तोरात और इंजील में लिखा हुआ पाएंगे जो उन्हें अच्छी बातों का हुक्म देगा बुराइयों से रोकेगा और उनके लिए पाक़ीज़ा चीजों को हलाल और गंंदी चीजों को हराम करार देगा और उन पर से वह बोझ और गले के वह तोक उतार देगा जो उन पर लदे हुए थे चुनांचे जो लोग उस नबी पर ईमान लाएंगे उसकी ताजीम करेंगे उसकी मदत करेंगे और उसके साथ जो नूर उतारा गया है उसके पीछे चलेंगें तो वही लोग फलाह पाने वाले होंगे (सुरे-यूनुस) 

 






पढ़ने के फायदे
 कोई भी  शख्स जो सूरह नूर को याद  करने के बाद इस इस्म को 1001 बार कहता है, उसका दिल नूर और अल्लाह की रोशनी से रोशन हो जाएगा - इंशाअल्लाह।

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